Friday, August 28, 2020

Rajender Singh Bedi: kokhjali (कोखजली)

राजेंद्र सिंह बेदी जी का जन्म 1 सितंबर 1915 को लाहौर में हुआ था। उनकी मातृभाषा पंजाबी लेकिन उनका संपूर्ण साहित्य उर्दू में था। वे अपने समय के उर्दू साहित्य में वे एक बडे़ प्रगतिशील कथाकार के रूप में उभर कर सामने आए। जीवन के प्रारंभिक दौर में वो डाक विभाग और डाक तार विभाग में क्लर्क के रूप में रहे और फिर 1958 में ऑल इंडिया रेडियो, जम्मू के डायरेक्टर बने। इसके बाद उन्होंने स्वतंत्र लेखन को पूर्णतया अपने जीवन में उतार लिया। 1955 में उन्होंने गरम कोट नामक एक कला फिल्म का निर्माण किया, जिस में मुख्य भूमिका विश्व प्रसिद्ध अभिनेता श्री बलराज साहनी और निरूपा राय ने निभाई थी। 1962 में उनके एक महत्वपूर्ण उपन्यास का प्रकाशन हुआ, जिसका नाम था एक चादर मैली सी। उन्हें इसी उपन्यास के लिए 1965 में साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था। सन 1984 में उनका निधन हो गया। उनकी मुख्य रचनाओं में 1962 में प्रकाशित एक चादर मैली सी, दाना हो आम 1938 में प्रकाशित हुई, ग्रहण 1941, अपना दुख मुझे दे दो 1965, हमारे हाथ कलम हुए 1974, बेजान चीजें 1943 एक नाटक संग्रह खेल 1981 में प्रकाशित हुआ। उर्दू में राजेंद्र सिंह बेदी जी का नाम अत्यंत सम्मान और आदर के साथ लिया जाता है। उनके साहित्य की जमीन बहुत गहरी है और उस पर फसल बहुत शानदार । उनकी कहानियों में जो सच्चाई हमें मिलती हैं, वह जिंदगी को मात्र जी लेने से नहीं बल्कि जिंदगी को तलाशने से संभव हो पाती है। राजेंद्र सिंह बेदी जी की कहानियां किसी बने बनाए सांचे में ढली हुई नहीं है ना ही उनके अंदर कोई बुद्धिजीवी किशन का पूर्वाग्रह है उनकी कहानियां जिंदगी के अलग अलग से गुजरती हुई जिंदगी की बेशुमार नगीने इकट्ठे करती हुई चलती हैं और एक सजीव दुनिया हमारे आंखों के सामने रूबरू करवा देती हैं । ऐसे ही एक कहानी का नाम है कोखजली जो एक मां की ममता और उसकी पराकाष्ठा के बारे में बताती है। यदि आप इस कहानी को सुनना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर जाएं और इस कहानी का आनंद उठाएं।

Book hubb : Rajender Singh Bedi


No comments:

Post a Comment

Sholay: The Making of Classic : Anupama Chopra

Book : Sholay - The Making of Classic Written by: Anupma Chopra Publication : Penguin Random House Books, India Price : 299/- Pages : 194 IS...