उपन्यास: चाल पे चाल (अनुवाद)
लेखक: विकास नैनवाल
मूल उपन्यास: डॉल्स बैड न्यूज़
मूल लेखक: जेम्स हेडली चेज़
प्रकाशक: बूकेमिस्ट/सूरज पॉकेट बुक्स
पृष्ठ संख्या: 232
MRP: 290/-
अभी 'चाल पे चाल' उपन्यास पढ़ कर समाप्त किया। यह उपन्यास जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यास 'डॉल्स बैड न्यूज़' का हिन्दी अनुवाद है जिसे विकास नैनवाल जी ने अंजाम दिया है।
आमतौर पर जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यास मनोरंजक कहानी की गारंटी लिए होते हैं और यह उपन्यास भी उसकी पुष्टि करता है। विकास नैनवाल जी ने अपना काम ईमानदारी से किया है और उनकी मेहनत साफ झलकती है।
कुछ शब्द जो भारतीय परिवेश के अनुसार प्रचलन में नहीं है, उनका खुलासा फुटनोट में अनुवादक द्वारा दिया गया है जो पाठकों के लिए सहायक होगा। मेरे अनुसार अगर क्यूट शब्द को यूँ का यूँ हिंदी में प्रयोग किया जा सकता है तो उसी पेज पर ब्लैक कॉफी को काली कॉफ़ी कहना अटपटा लगता है। अनुवादक की समस्याओं को मैं भली भांति समझता हूँ क्योंकि मैं स्वयं इसका भुक्तभोगी हूँ।
'चाल पे चाल' की कहानी की शुरुआत मेरियन डेली नाम की एक मुसीबतजदा लड़की के डेविड फेनर के ऑफिस में सहायता की उम्मीद लेकर पहुंचने से होती है। उस लड़की से मिली फीस और उसके हौलनाक अंजाम के चलते फेनर अपने कदम रोक नहीं पाता और स्वयं को एक ऐसे घटनाक्रम में फंसा हुआ पाता है जहाँ से उसका पीछे हटना मुमकिन नहीं था। घटनाक्रम तेजी से फेनर को अपनी चपेट में ले लेता है और उसका अंजाम क्या होता है यह तो आपको उपन्यास पढ़कर ही पता चलेगा।
उपन्यास का कवर डिज़ाइन आकर्षक है और विंटेज श्रेणी का दर्जा हासिल करने लायक है जिसके लिए निशान्त मौर्य बधाई के पात्र हैं।
कुल मिलाकर चाल पे चाल एक सराहनीय प्रयास है जिसके लिए लेखक और प्रकाशक को बहुत बहुत बधाई। जेम्स हेडली चेज़ के चाहने वाले पाठकों के लिए 'चाल पे चाल' निश्चित रूप से एक संग्रहणीय उपन्यास है
जिस प्रकार से विकास जी अपने सधे हुए कदम साहित्य की दुनिया में बढ़ा रहे हैं, उससे मुझे लगता है वह दिन दूर नहीं है जब उनकी कलम से हमें उनके स्वयंरचित विविध साहित्य की रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी।
जितेन्द्र नाथ