Thursday, June 22, 2023

Tumhara Namvar : Namvar Singh

पुस्तक: तुम्हारा नामवर

लेखक: नामवर सिंह

संपादन: आशीष त्रिपाठी

प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली

आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, राम विलास शर्मा, मैनेजर पाण्डेय और नामवर सिंह। 

हिंदी साहित्य की पगडंडियों पर आप चलते हैं तो इन नामों से आप जरूर सरोकार रखते होंगे। किसी जमाने में दूरदर्शन को हमने बेशक इडियट बॉक्स का नाम दिया होगा लेकिन आज के युग के स्मार्ट tv के सामने मुझे तो समझदार लगता है। उस पर प्रसारित होने वाले प्रोग्रामों के जरिये लोग उस वक्त के साहित्यकारों को सहज ही जान जाते थे।

 कमलेश्वर उस वक्त tv पर बड़ा जाना पहचाना चेहरा थे।उन्ही के किसी प्रोग्राम में नामवर सिंह को देखा था। अपनी वेशभूषा और नाम की वजह से वे तब से याद हैं। साहित्य आलोचना को नामवर सिंह जी ने एक नया आयाम दिया। उनके जाने के बाद उनके काम को समझना भी एक अनुभव है। 

उनकी इस पुस्तक 'तुम्हारा नामवर' में उनके लिखे पत्र हैं जो समय-समय पर विभिन्न सहित्यकार बंधुओं को लिखे गए हैं। उन संवादों को पढ़ना उस वक्त के इतिहास का साक्षी होना है। 

राजकमल प्रकाशन ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है। पुस्तक तीन खंडों में विभाजित है। 

पहले खंड में परिजनों से, 

दूसते खंड में साहित्यकारों से 

और तीसरे खंड में श्री नारायण पाण्डे को लिखे पत्र हैं।

विस्तार से फिर किसी पोस्ट में...

#jitendernath #bookhubb #नामवरसिंह #किताब #पुस्तक

Tumhara Namvar


Wednesday, June 21, 2023

Kaifi and I: Shaukat Kaifi Azmi

Kaifi and I
Kaifi and I

 Book: Kaifi and I

Writer: Shaukat Kaifi

Genre: Memoirs

Renowned economist and Noble prize winner Amartya Sen had written about 'Kaifi &I' - To say that this is a lovely book would be an understatement. It is an enchanting recollection of the life of a hugely talented and sensitive human being, shared with a great poet.


The above mentioned views are about 'Kaifi & I'- A Memoir written by Shaukat kaifi and translated by Nasreen Rehman.


After a long time, I got privilege to go through such a mesmerizing book. It is perfect example of magical translation of emotions and pathos. Through out of the book, Shaukat Kaifi has narrated her life in such a simple way that you feel the vibration of emotions, pain of struggle and magic of Kaifi Azmi. Kaifi Azmi, the great Shayar and poet, present in this book with all of his weaknesses and strengths. A great treat for book lovers and fans of Kaifi Azmi.

Main ye sochkar uske dar se utha tha ki vo rok legi, manaa legi mujhko..... A song from Hakikat, a pioneer war film by Chetan Anand, which make two minuses into huge plus for Indian cinema.


Saturday, February 11, 2023

चाल पे चाल: विकास नैनवाल: जेम्स हेडली चेज़: डॉल्स बैड न्यूज़

उपन्यास: चाल पे चाल (अनुवाद)

लेखक: विकास नैनवाल

मूल उपन्यास: डॉल्स बैड न्यूज़

मूल लेखक: जेम्स हेडली चेज़

प्रकाशक: बूकेमिस्ट/सूरज पॉकेट बुक्स

पृष्ठ संख्या: 232

MRP: 290/- 

अभी 'चाल पे चाल' उपन्यास पढ़ कर समाप्त किया। यह उपन्यास जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यास 'डॉल्स बैड न्यूज़' का हिन्दी अनुवाद है जिसे विकास नैनवाल जी ने अंजाम दिया है।

आमतौर पर जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यास मनोरंजक कहानी की गारंटी लिए होते हैं और यह उपन्यास भी उसकी पुष्टि करता है। विकास नैनवाल जी ने अपना काम ईमानदारी से किया है और उनकी मेहनत साफ झलकती है। 

कुछ शब्द जो भारतीय परिवेश के अनुसार प्रचलन में नहीं है, उनका खुलासा फुटनोट में अनुवादक द्वारा दिया गया है जो पाठकों के लिए सहायक होगा। मेरे अनुसार अगर क्यूट शब्द को यूँ का यूँ हिंदी में प्रयोग किया जा सकता है तो उसी पेज पर ब्लैक कॉफी को काली कॉफ़ी कहना अटपटा लगता है। अनुवादक की समस्याओं को मैं भली भांति समझता हूँ क्योंकि मैं स्वयं इसका भुक्तभोगी हूँ।

'चाल पे चाल' की कहानी की शुरुआत मेरियन डेली नाम की एक मुसीबतजदा लड़की के डेविड फेनर के ऑफिस में सहायता की उम्मीद लेकर पहुंचने से होती है। उस लड़की से मिली फीस और उसके हौलनाक अंजाम के चलते फेनर अपने कदम रोक नहीं पाता और स्वयं को एक ऐसे घटनाक्रम में फंसा हुआ पाता है जहाँ से उसका पीछे हटना मुमकिन नहीं था। घटनाक्रम तेजी से फेनर को अपनी चपेट में ले लेता है और उसका अंजाम क्या होता है यह तो आपको उपन्यास पढ़कर ही पता चलेगा।

उपन्यास का कवर डिज़ाइन आकर्षक है और विंटेज श्रेणी का दर्जा हासिल करने लायक है जिसके लिए निशान्त मौर्य बधाई के पात्र हैं। 

कुल मिलाकर चाल पे चाल एक सराहनीय प्रयास है जिसके लिए लेखक और प्रकाशक को बहुत बहुत बधाई। जेम्स हेडली चेज़ के चाहने वाले पाठकों के लिए 'चाल पे चाल' निश्चित रूप से एक संग्रहणीय उपन्यास है

जिस प्रकार से विकास जी अपने सधे हुए कदम साहित्य की दुनिया में बढ़ा रहे हैं, उससे मुझे लगता है वह दिन दूर नहीं है जब उनकी कलम से हमें उनके स्वयंरचित विविध साहित्य की रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी।

                       जितेन्द्र नाथ

Tumhara Namvar : Namvar Singh

पुस्तक: तुम्हारा नामवर लेखक: नामवर सिंह संपादन: आशीष त्रिपाठी प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, राम विलास शर्मा, म...