कहानी संग्रह: शोभायात्रा
लेखक: भीष्म साहनी
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
पृष्ठ:120
मूल्य: 125/-
शोभायात्रा भीष्म साहनी जी की कहानियों का संग्रह है जिसमें 11 कहानियां संकलित हैं। इन कहानियों के शीर्षक हैं- निमित्त, खिलौने, मेड इन इटली, भटकाव, फैसला, रामचंदानी, शोभायात्रा, धरोहर, लीला नंदलाल की, अनूठे साक्षात, सड़क पर।
सभी कहानियों में परिवेश और चरित्र बिल्कुल अलग है। हर कहानी का मिजाज अलग है।
खिलौने कहानी आज से काफी समय पहले लिखी गई है, उस समय शायद एकल परिवार का दौर अपनी शैशवावस्था में था । इस कहानी में व्यक्तिगत महत्वकांक्षाओं की बलिवेदी पर संवेदनाओं का बलिदान आज और भी प्रखर हो गया है। खिलौने की जगह अब मोबाइल आ गया है।
सड़क पर खिलौने से विपरीत कथानक पेश करती है जिसमें पारिवारिक जीवन घर की चारदीवारी से रिस कर सड़क पर आ जाता है।
लीला नंदलाल की भारतीय न्यायव्यवस्था पर व्यंग्य है। जिसमें रक्षक ही भक्षक है और भक्षक ने रक्षक का भेष बना लिया है। यह सीमा रेखा आज के समय में और भी धूमिल हो गई है।
शीर्षक कहानी शोभायात्रा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए दण्ड की आवश्यकता को परिभाषित करती है कि नीति का पालन करने के लिए यह आवश्यक है। प्रजा को अहिंसा का पाठ पढ़ाने के लिए हिंसा का सहारा लेना पड़ता है तभी बलि रुक पाती है।
सभी कहानियां पाठक को सोचने पर मजबूर भी करती हैं और मानसिक क्षुधा शांत भी करती हैं और जगाती भी हैं।
120 पृष्ठ की प्रस्तुत पुस्तक के प्रकाशक राजकमल पेपरबैक हैं और mrp 125/- है।
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