Monday, November 1, 2021

Aaina: A Review by Sh. Dev Dutt Dev

 आईना: काव्य संग्रह

लेखक: जितेन्द्र नाथ

प्रकाशन: समदर्शी प्रकाशन, मेरठ

समीक्षा: श्री देव दत्त 'देव'

आईना: जितेन्द्रनाथ


"मुक्त छंद कविताएं ,मुक्तक ,गीत और ग़ज़ल की शक्ल में ढलती गीतिकाओं  से सुसज्जित 'आईना' काव्य संग्रह सचमुच में समाज का आईना है जिसमें वर्तमान समाज का प्रतिबिंब उभरकर सामने आता है जो कवि कर्म की गरिमा को रेखांकित करता है तथा संग्रह में चिंतन की अनेक धाराओं के माध्यम से रचनाकार ने अपने चिंतन के फलक की विशालता और उसकी प्रौढता को सफलता पूर्वक अभिव्यक्ति प्रदान की  हैं, मानव मन का विश्लेषण और सामाजिक विसंगतियों को व्यंजित करता काव्य संग्रह आईना केवल पाठक को बांधता ही नहीं अपितु चिंतन के लिए बाध्य भी करता है यह सब रचनाकार के कौशल का प्रतिफल है कवि ने चारों ओर घटित प्रत्येक घटनाक्रम का सूक्ष्म अवलोकन के उपरांत ही अनुभूति को अभिव्यक्ति प्रदान की है रचनाकार निरंतर बढ़ती भौतिकता के दुष्प्रभाव से भलीभांति परिचित है भौतिकता की चमक दमक ने हमारी परंपरागत जीवन शैली को प्रभावित किया है जिसके कारण घुटन सी महसूस होती है इसलिए कवि भौतिकता के उजाले से  दूर हटकर अंतहीन दौड़ धूप से परे शांति पूर्वक जीवन व्यतीत करने का पक्षधर है-

परवाज छोड़ परिंदे शजरों पर जा बैठे 

अंधेरों से नहीं ये उजालों के सताए हुए हैं

            समाज में निरंतर बढ़ती संवेदन शून्यता के कारण संवेदनशील रचनाकार का चिंतित होना स्वाभाविक है आए दिन हर मोड़ पर ऐसी घटनाएं देखने और सुनने को खूब मिलती हैं जो सभ्य समाज के लिए कोई शुभ संकेत नहीं हैं इन्हीं के कारण समाज का स्वरूप रुग्ण हुआ है कवि ने    समाज  में निरंतर बढ़ती  रुग्णता को भी प्रभावशाली ढंग से रेखांकित किया है

 जिंदा था तो कितने फासले थे दरमियां

 मौत आई तो सब कितने करीब लगते हैं 

         भौतिकता के प्रभाव के कारण बड़ी 

स्पर्धा और स्पर्धा के अतिरेक के कारण ईर्ष्या भाव का बढ़ना और दूसरों को मिटाने की सोचना दुर्भाग्यपूर्ण चिंतन है ऐसी स्थिति में कविवर स्नेह समरसता और सौहार्द को बल देने के उद्देश्य से संगठित होने की बात करता है ताकि समतामूलक सिद्धांत को स्थापित किया जा सके 

उंगलियां काट कर सब बराबर करने निकले हैं 

बंद मुट्ठी में भी एक बात है यह बात कौन करे 

         संक्षेप में बहुत ही प्रभावशाली और उत्तम सृजन के लिए मैं बंधुवर जितेंद्रनाथ को  इस उम्मीद के साथ हार्दिक बधाई  देता हूँ कि निरंतर साहित्य साधना करते हुए साहित्य को समृद्ध करने में अविस्मरणीय योगदान देते रहेंगे।

अनंत शुभकामनाएं

          देवदत्त देव

★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★

 आईना-काव्य संग्रह समदर्शी प्रकाशन, अमेज़न और flipkart पर उपलब्ध:

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देव दत्त 'देव'जी

Friday, September 24, 2021

My first murder case : Jaydev Chavria

उपन्यास : माय फ़र्स्ट मर्डर केस
लेखक : जयदेव चावरिया
प्रकाशक: बूकेमिस्ट (सूरज पॉकेट बुक्स की सहयोगी संस्था)
पृष्ठ संख्या: 152
मूल्य: 220/- (MRP) डिस्काउंट पर उपलब्ध 
पुस्तक मिलने का स्थान : सूरज पॉकेट बुक्स  के स्टोर पर (online) और amazon पर 

'माय फ़र्स्ट मर्डर केस' श्री जयदेव चावरिया का लिखा हुआ पहला उपन्यास है जिसे सूरज पॉकेट बुक्स की सहयोगी संस्था 'बूकेमिस्ट' के बैनर तले प्रकाशित किया गया है । जयदेव जी ने अपने लेखकीय में बताया है कि किस तरह से उनके परिवार से ही पठन -पाठन का शौक उन तक पहुंचा । वह कहते हैं कि लगभग एक दशक तक उन्होने पाठक के तौर पर विभिन्न लेखकों के उपन्यास पढे और उनका प्रभाव उन पर पड़ा । 
यदि कोई पाठक लंबे समय तक पढ़ता रहे तो उसके मन में कभी न कभी कुछ लिखने का ख्याल आ ही जाता है । जो व्यक्ति अपने आसपास की एवं स्वयं की वर्जनाओं को तोड़कर अपने स्वप्न को साकार करने की ठान लेता है तो वह अवश्य ही अपने मकसद में कामयाब होता है । जयदेव जी ने जैसे कि बताया भी है कि उनका एक व्हाटसएप ग्रुप है 'उपन्यास के दीवाने' जिसमें उपन्यासों की समीक्षा और बातें चलती रहती हैं । मैं स्वयं भी उस ग्रुप में सम्मिलित हूँ । उसी ग्रुप से प्रेरणा पाकर जयदेव जी ने अपने उपन्यास को पूरा करने की ठानी जिसमें वो कामयाब हुए हैं ।

My First Murder Case


माय फ़र्स्ट मर्डर केस :-
उपन्यास के पात्र: :
अशोक नन्दा, बलवंत नन्दा, विनय नन्दा,रॉकी, पूर्वी, ललिता, साक्षी, मोहिनी, जूली, घनश्याम, गणेश दत्त, इंस्पेक्टर नवनीश, जयदेव, अलीभाई, सोमदत्त इत्यादि ।

कथानक : 
उपन्यास की शुरुआत जूली और रॉकी की मुलाक़ात से होती है । राजनगर के ज्यूलरी शॉप के मालिक अशोक नन्दा का उसके घर में ही सोते हुए कत्ल हो जाता है । अशोक नन्दा के तीन बेटे बलवंत, विनय और रॉकी हैं । नन्दा के कत्ल की सुई उसके पूरे परिवार पर टिकी रहती है । इंस्पेक्टर नवनीश इस मामले की तहक़ीक़ात शुरू करता है लेकिन अशोक नन्दा की बेटी के प्रयासों के चलते इस कहानी में एंट्री होती है जासूस जयदेव की । इसके बाद की कहानी आप उपन्यास को पढ़कर ही जाने तो ज्यादा मजा आएगा ।

मेरी राय : 
जयदेव जी का यह पहला उपन्यास है और उनका पहला प्रयास अपने आप में सफल रहा है । कहानी में एक के बाद एक नए मोड आते है जो पाठक के अंदर रूचि को और सस्पेंस को बनाए रखते हैं । इंस्पेक्टर नवनीश और जासूस जयदेव के बीच समीकरण पल पल बदलते हैं जो एक कोतूहल जगाते हैं । इस बात का क्या कारण है...  इसके बारे में इस कहानी में कोई खुलासा लेखक ने नहीं किया है लेकिन इस बात के संकेत दिये हैं कि उनका अगला उपन्यास इस कथानक पर से पर्दा उठाएगा । यहाँ मैं एक बात साफ कर दूँ कि यह उपन्यास अपने आप में पूर्ण है । पाठकों को  इस उपन्यास की कहानी जानी-पहचानी लग सकती है लेकिन जयदेव जी कथानक को मजबूती से बांधे रखने में कामयाब रहें हैं । 
उपन्यासों की दुनियाँ के जादूगर श्री वेद प्रकाश शर्मा के लेखन का प्रभाव जयदेव जी की लेखनी और कहानी को बयान करने के अंदाज में नजर आता है और इस बात को वह स्वयं स्वीकार भी करते हैं । यह एक सबल पक्ष भी है लेकिन आगे इस लेखन क्षेत्र में उन्हें अपने पैंतरे भी आजमाने पड़ेंगे ।

जयदेव जी का पहला प्रयास है जिसमें प्रूफ-रीडिंग के मामले में कई कमियाँ रह गई हैं । कई जगह कुछ संवाद/पंक्तियाँ दोबारा छप गई हैं जिससे पाठकों की तन्मयता में बाधा पड़ती है । लेकिन मैं जानता हूँ कि यह (प्रूफ रीडिंग) एक मुश्किल काम होता है और हर लेखक को इससे दो-चार होना ही पड़ता है । 

उम्मीद है कि जयदेव जी वक्त के साथ-साथ अपने भाषाई पक्ष को भी मजबूत बनाते जाएंगे जिससे उनकी स्थिति उपन्यासों की दुनिया में निरंतर मजबूत होती चली जाएगी ।

इन बातों से इतर यह उपन्यास एक रोलर कोस्टर  राइड की तरह से है जिसमें कहानी के अनापेक्षित झटके पाठकों का मनोरंजन करने में पूरी तरह से सक्षम हैं ।      

Jaydev Chavria

  

Friday, September 10, 2021

Parkash Bharti: List of novel


उपन्यासकार प्रकाश भारती के उपन्यासों की सूची





 

Wednesday, June 9, 2021

Santosh Pathak : List of Novels

1 andekha khatra (अनदेखा खतरा)

2 akhri Shikar (आखिरी शिकार)

3 khatarnak sajish (खतरनाक साज़िश)

4 maut ki dustak (मौत की दस्तक)

5 katl ki paheli (कत्ल की पहेली)

6 10 June ki raat ( दस जून की रात)

7 hairatangej hatya (हैरतअंगेज हत्या)

8 kohima conspiracy (कोहिमा कॉन्सपिरेसी)

9 trap (ट्रैप)

10 catch me if you can (कैच मी इफ यू कैन)

11 murder in lockdown (मर्डर इन लोकड़ाउन)

12 the silent murder (द साइलेंट मर्डर)

13 inside job (इनसाइड जॉब)

14 Tandav (तांडव)

15 Prachand (प्रचण्ड)

16 Maya mi na ram (माया मिली न राम)

17 Vinash kaale (विनाशकाले)

18 Chalava (छलावा)

19 Jab nash manuj pe chaata hai (जब नाश मनुज पर छाता है)

20 Watchman secret of missing girl (सीक्रेट ऑफ मिसिंग गर्ल)

21 Watchman murder in room 108 (मर्डर इन रूम 108)

22 Pratighaat (प्रतिघात)

23 Right time to kill (राइट टाइम टू किल)

24 Swaaha (स्वाहा)

25 Dedh Shyaane (डेढ़ श्याने)

26 Swaha part-2

27 Swaha part-3

28 Andher nagri (अंधेर नगरी)

29. Kaun (कौन)

30. Kambakht (कमबख्त)

31. Gaddar (गद्दार)

32. Beat (बीट)

33. The scripted murder (द स्क्रिप्टेड मर्डर)

34. The perfect murder (द परफेक्ट मर्डर)

35. Nishachar (निशाचर)

36. Gunah Belazzat (गुनाह बेलज़्ज़त)










Friday, May 7, 2021

Raakh: The Ash Trail : Jitender Nath

उपन्यास : राख  द ऐश ट्रेल
लेखक : जितेन्द्र नाथ
प्रकाशन : बूकेमिस्ट (सूरज पॉकेट बुक्स इंप्रिंट)
बुक कवर डिज़ाइन: निशांत मौर्य
प्रथम संस्करण: अप्रैल 2021
पृष्ठ संख्या : 216 
एडिशन : पेपरबैक
 संजय वर्मा जी की समीक्षा
★★★★★★★★★★★★★★★★
राख  द ऐश ट्रेल
लेखक – जितेन्द्र नाथ
प्रकाशन सूरज पॉकेट बुक्स
पृष्ठ संख्या 307
इस उपन्यास के लेखक ने इस के पहले जेम्स हेडली चेस के "सुकर पंच"  का हिंदी अनुवाद किया था जो सभी के द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है इसके बाद
यह लेखक का प्रथम उपन्यास है जो पढ़ने के बाद कही से नही लगता की यह प्रथम उपन्यास है क्योकि उपन्यास शुरू से अंत तक रोचक है और लेखक ने इसमें पाठकों के स्वाद का भरपूर ध्यान रखा है। और पाठकों को भी अपना दिमाग लगाने का भरपूर मौका मिलने वाला है।

कहानी की बात करे तो 
प्रेम नगर में एक ढाबे के पास बहुत बुरी जली हुई अवस्था मे एक आदमी की लाश मिलती है जिसकी शिनाख्त करना भी मुश्किल है  और इसके बाद इंस्पेक्टर रणवीर कालीरमण और उसका असिस्टेंट रोशन वर्मा इसकी इन्वेस्टीगेशन शुरू करते है । लेकिन कहानी में ट्विस्ट आता है जब इन्वेस्टिगेशन जैसे जैसे आगे बढ़ती है केस और उलझता जाता है और हत्याएं होना शुरू हो जाती है  जिसे सबूत के नाम पर  सिर्फ मात्र  ‘राख’  के सहारे इसको इंस्पेक्टर रणवीर सुलझाता है तो उसके सामने रहस्यमय खुलासे होते है।
उपन्यास में इन्वेस्टिगेशन कमाल की है जिसमे लेखक ने भरपूर मेहनत की है जिसे पाठक पढ़ेंगे तो स्वयं "दाद" दिए बिना नही रहेंगे।
एक उलझा हुआ और नया थ्रिलर कथानक जिसमे पाठकों को दिमागी खुराक मिलने वाली है ।
उपन्यास किंडल पर भी उपलब्ध है।
रेटिंग 4/5
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समीक्षा : नवनीश भट्टी जी 
राख  ...द ऐश ट्रेल
लेखक – जितेन्द्र नाथ जी
प्रकाशन ...सूरज पॉकेट बुक्स
पृष्ठ संख्या... 216

इस उपन्यास के लेखक ने इस के पहले जेम्स हेडली चेस के "The Sucker Punch" का हिंदी अनुवाद "पैसा ये पैसा "किया था जो सभी पाठकों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है इसके बाद
यह लेखक का प्रथम उपन्यास है लेकिन उपन्यास पढ़ते समय आपको एक परिपक्व लेखन शेली की झलक मिलेगी उपन्यास पढ़ने के बाद कही से नही लगता की यह लेखक का प्रथम उपन्यास है क्योकि उपन्यास शुरू से अंत तक रोचक है और लेखक ने इसमें पाठकों के स्वाद का भरपूर ध्यान रखा है और उपन्यास पढऩे वालों को भी अपना दिमाग लगाने का भरपूर मौका मिलने वाला है।

उपन्यास की कहानी की बात करे तो ...
प्रेम नगर में एक ढाबे के पास बहुत बुरी जली हुई अवस्था मे एक आदमी की लाश मिलती है जिसकी शिनाख्त करना भी मुश्किल है  और इसके बाद इंस्पेक्टर रणवीर कालीरमण और उसका असिस्टेंट रोशन वर्मा इसकी इन्वेस्टीगेशन शुरू करते है । लेकिन कहानी में ट्विस्ट आता जब  ऐसी ही जली हुई एक और लाश मिलती है इन्वेस्टिगेशन जैसे जैसे आगे बढ़ती है केस और उलझता जाता है और हत्याएं होनी शुरू हो जाती है  जिसे सबूत के नाम पर  सिर्फ मात्र  ‘राख’  के सहारे इसको इंस्पेक्टर रणवीर सुलझाता है तो उसके सामने रहस्यमय खुलासे होते है।लेखक महोदय ने पुलिस की कार्य प्रणाली का इतना सटीक व सजीव वर्णन किया है जिस तरह का क्राइम फिक्शन लिखने वाले सिरमौर लेखक जनाब श्री SMP साहब के उपन्यासों मे मिलता है
उपन्यास अपने उद्देश्य में पूरी तरह से सफल रहा पाठकों को अंत तक पता नहीं चलता की कत्ल किस वजह से हो रहे है और कातिल कौन है उपन्यास का अंत रोचक और भावपूर्ण है । आगे लेखक महोदय से उम्मीद की जाती है कि  इंस्पेक्टर रणवीर और उसके साथी सहकर्मियों ,डॉक्टर नवनीत और पत्रकार वरुण से फिर मुलाकात होगी।
इस बेहतरीन रचना के लिए लेखक महोदय का दिल से आभार तथा भावी रचना की सफलता के लिए आग्रिम शुभकामनाएं । कृपया "शोरे गोगा" का रहस्य आगे जरूर खोलें ।यह उपन्यास किंडल पर भी उपलब्ध है।धन्यवाद आभार🌹🙏🏻
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श्री मनेंद्र त्रिपाठी जी की एक पुस्तक समूह जूनून पुस्तकों का, 
Jasusi novel sansar ( आज़ाद ग्रुप ) में शेयर की गई समीक्षा: 

- सड़क किनारे मिले एक "जली लाश" से कहानी की शुरुआत होती है । इंस्पेक्टर रणवीर की हिस्से कातिल की पहचान का जिम्मा आता है । उसके बाद शुरू होता है ,एक बेहद दिलचस्प थ्रिलिंग अनुभव । बिल्कुल नए जमाने का इन्वेस्टीगेशन । एक के बाद एक कत्ल ।

एक ऐसा उपन्यास जिसमे कत्ल होने वालों को मरते वक्त तक भी पता नहीं चलता कि उसे कौन मार रहा है और क्यों मार रहा है ।

माननीय जितेंद्र नाथ जी का यह पहला "उपन्यास " है , परंतु उनके इस उपन्यास को पढ़कर आप आश्चर्य में पढ़ जाएंगे । इस उपन्यास को आप सच्चे मायनों में असली मर्डर इन्वेस्टीगेशन उपन्यास बोल सकते हैं । सब कुछ वास्तविकता से भरा हुआ । पुलिस की कार्य प्रणाली का इतना सजीव वर्णन शायद ही इस से पहले किसी लेखक ने लिखा हो ।
रणवीर का एक अभियुक्त की गिरफ्तारी का वारंट के लिए जज के पास जाने वाला सीन कमाल का है । कहानी की रफ्तार अचानक से किसी मूवी जैसी हो जाती है । कई अद्भुत चरणों से गुजरते हुए  मूवी  की तरह ही क्लाइमेक्स आता है और पाठक चकित रह जाता है ।

उपन्यास अपने उद्देश्य में पूरी तरह से सफल रहा ।
इस बेहतरीन रचना के लिए लेखक महोदय का दिल से आभार तथा भावी रचना की सफलता के लिए एडवांस में बधाईयां । कृपया "शोरे गोगा" का रहस्य आगे जरूर खोलें । Jitender Nath जी🙏🌹👏
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 Raakh : The Ash Trail (Hindi Edition) by Jitender Nath
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Tumhara Namvar : Namvar Singh

पुस्तक: तुम्हारा नामवर लेखक: नामवर सिंह संपादन: आशीष त्रिपाठी प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, राम विलास शर्मा, म...